आंगनबाड़ी योजना में बड़ा घोटाला उजागर, जखनियां सहित कई तहसीलों में पोषण सामग्री की कालाबाजारी का आरो
भारत सरकार की महत्वपूर्ण बाल विकास योजना "आंगनबाड़ी" में भारी घोटाले का खुलासा हुआ है। गाजीपुर जनपद के जखनियां सहित कई तहसीलों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाला पोषाहार—विशेषकर तीन महीने का चावल—जरूरतमंद बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुंचने से पहले ही बाजार में बेच दिए जाने की शिकायतें सामने आई हैं।स्थानीय सूत्रों की मानें तो यह कार्य सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है, जिसमें कोटेदारों, सीडीपीओ, सुपरवाइजर और उनके सहयोगी दलालों की मिलीभगत है। केंद्रों पर पहुंचने वाला राशन गुपचुप तरीके से बाहर के व्यापारियों को बेच दिया जाता है और जरूरतमंदों को आधा-अधूरा पोषाहार या सिर्फ नाममात्र की दाल-दलिया दी जाती है। जखनियां क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर तब दिखाई दी जब स्थानीय सीडीपीओ ने जयदेश समाचार के ब्यूरो चीफ से बातचीत में बयान दिया कि "हमारे यहां कोटेदार से कोई राशन नहीं आता", जिससे यह संदेह और गहरा हो गया कि पूरे प्रकरण को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों और समाजसेवियों ने आरोप लगाया है कि कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्वयं अपना हिस्सा अलग रखती हैं और बचे-खुचे राशन को आमजनों में बांटने का दिखावा करती हैं। ऐसे में बाल विकास सेवा की मूल भावना और सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। यह मामला केवल जखनियां तक सीमित नहीं है, बल्कि जिले की अन्य तहसीलों से भी इसी तरह की अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन व राज्य सरकार से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ जरूरतमंद बच्चों और महिलाओं को मिल सके।
राकेश कुमार संवाददाता
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