पीजी कॉलेज, गाजीपुर: बी.एससी. चतुर्थ सेमेस्टर के परिणामों में महा-अनियमितता, छात्रों का भविष्य अधर में


पीजी कॉलेज, गाजीपुर: बी.एससी. चतुर्थ सेमेस्टर के परिणामों में महा-अनियमितता, छात्रों का भविष्य अधर में! कुलपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि एसडीएम चन्द्रशेखर यादव को सौंपा गया, तत्काल हस्तक्षेप की मांग। 

गाजीपुर, 30 जुलाई, 2025 – पीजी कॉलेज, गाजीपुर के बी.एससी. चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों के हाल ही में घोषित परीक्षा परिणामों को लेकर गहरा आक्रोश व्याप्त है। परिणामों में सामने आई गंभीर अनियमितताओं ने हजारों छात्रों के भविष्य को अनिश्चितता के भंवर में धकेल दिया है। आज, छात्रसंघ का प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को लेकर कुलपति के नाम संबोधित पत्रक को जिलाधिकारी कार्यालय में एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसे जिलाधिकारी के प्रतिनिधि एसडीएम चन्द्रशेखर यादव ने गंभीरता से प्राप्त किया। छात्रों का आरोप है कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए इन परिणामों में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को बेवजह 'अनुपस्थित' (Absent) दर्शाया गया है, या उन्हें अनुत्तीर्ण (Failed) घोषित कर दिया गया है, जबकि उन्होंने पूरी लगन और अथक परिश्रम के साथ अपनी सभी परीक्षाएं दी थीं। यह चौंकाने वाली स्थिति न केवल छात्रों के परिश्रम का अपमान है, बल्कि विश्वविद्यालय की परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल उठाती है।

छात्रों ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में महाविद्यालय प्रशासन से भी संपर्क किया था, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई संतोषजनक समाधान नहीं मिल पाया। इस प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्था के कारण छात्र मानसिक तनाव, गहरी निराशा और चिंता के भयंकर दौर से गुजर रहे हैं, जिससे उनके एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक वर्ष के बर्बाद होने का गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष, दीपक उपाध्याय ने कड़े शब्दों और बुलंद आवाज़ में कहा, "यह सिर्फ कुछ छात्रों का मामला नहीं है, यह तो हमारे छात्रों के भविष्य पर मंडराता एक ऐसा काला साया है, जिसने सैकड़ों होनहार विद्यार्थियों के सपनों को निगलने का काम किया है। हमने अपनी व्यथा और अपनी मांगों को एसडीएम महोदय के सामने पूरी मज़बूती से रखा है, जैसे एक मशाल अंधेरे में राह दिखाती है। हमें अटूट विश्वास है कि हमारी यह आवाज़ कुलपति महोदय के कानों तक अवश्य पहुंचेगी, ताकि इस भयावह रिजल्ट में हुई अनियमितता कि स्थिति में तत्काल और निर्णायक हस्तक्षेप हो सके और हमारे छात्रों का भविष्य बर्बाद होने के गर्त में गिरने से बचाया जा सके। गाजीपुर का दुर्भाग्य है कि यहां विश्वविद्यालय नहीं है और ना ही जौनपुर विश्वविद्यालय का विस्तार पटल है इसलिए यूनिवर्सिटी जानबूझकर अनियमितता करती है यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को शून्य, एक,दो,चार नंबर या अनुपस्थित दिखाया जाता है ताकि इम्प्रूवमेंट व बैक पेपर के नाम पर मोटी रकम वसूली जा सकें "जबकि जय श्रीराम जय हनुमान लिखने वालों को प्रथम श्रेणी में पास किया जाता है

पूर्व महामंत्री, सुधांशु तिवारी ने परिणामों में हुई इस 'अविश्वसनीय और अक्षम्य गलती' पर अपना प्रचंड आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, "छात्रों ने दिन-रात एक करके पढ़ाई की, खून-पसीना बहाया, और बदले में उन्हें अनुपस्थिति या अनुत्तीर्णता का ठप्पा मिला है। यह सरासर अन्याय है और किसी भी कीमत पर अस्वीकार्य है। हमने एसडीएम महोदय से पुरजोर मांग की है कि तत्काल प्रभाव से सभी उत्तर पुस्तिकाओं का निष्पक्ष पुनर्मूल्यांकन हो और सही परिणाम अविलंब जारी किए जाएं।"

पूर्व अध्यक्ष, अनुज भारती ने इस गंभीर मुद्दे पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "यह सिर्फ एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि हजारों छात्रों के सपनों को रौंदने जैसा अक्षम्य कृत्य है।  

प्रभावित छात्रों में से एक, कृष्णानंद भारती ने अपनी दर्दभरी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा, "मैंने अपनी परीक्षाओं के लिए अथक परिश्रम किया था। जब मैंने अपना परिणाम देखा और उसमें मुझे 'अनुपस्थित' पाया गया, तो मैं पूरी तरह से सदमे में था। यह न केवल मेरे भविष्य को खतरे में डाल रहा है, बल्कि मेरा आत्मविश्वास भी बुरी तरह से टूट गया है। 

एक अन्य प्रभावित छात्रा, नेहा सिंह ने भावुक होकर कहा, मुझे 2 नंबर मिला है "यह स्थिति हमें मानसिक रूप से बुरी तरह प्रभावित कर रही है।

अनामिका कुमारी ने कहा कि मुझे शून्य नंबर दिया गया है मैं काफी सदमे में हूं जबकि मैंने पेपर अच्छा दिया था। हमें समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या करें। हमने एसडीएम महोदय से न्याय की गुहार लगाई है और हम चाहते हैं कि हमारे सही परिणाम जल्द से जल्द घोषित किए जाएं, ताकि हम आगे की पढ़ाई जारी रख सकें।"

छात्र समुदाय ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति से इस गंभीर संकट का व्यक्तिगत संज्ञान लेने की पुरजोर अपील की है, जिसके लिए उन्होंने एसडीएम चन्द्रशेखर यादव के माध्यम से एक विस्तृत और महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने दृढ़तापूर्वक अनुरोध किया है कि इस पूरे मामले की त्वरित और गहन जांच सुनिश्चित की जाए, तत्काल प्रभाव से सभी उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराया जाए, और सही एवं संशोधित परीक्षा परिणाम अविलंब जारी करने हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान किए जाएं। छात्रों को विश्वास है कि प्रशासन की सहानुभूतिपूर्ण और निर्णायक कार्यवाही से उनका शैक्षणिक भविष्य सुरक्षित हो सकेगा और उन्हें इस अकारण हुए शैक्षणिक तथा मानसिक नुकसान से मुक्ति मिल सकेगी।

पत्रक सौंपने वालों में मुख्य रूप से नेहा सिंह, आस्था कुशवाहा, अनामिका कुमारी, विभा सिंह, रुबीना खातून, मनीषा साहनी, मुस्कान राजभर, निशा कुमारी, जागृति राय, प्रीतम पासवान, सलोनी कुशवाहा, नीतीश मौर्या, राहुल मौर्या, कृष्णा नंद भारती, रोहित कन्नौजिया, जयप्रकाश राम, निशांत चौरसिया, विनय, अंशुमान राणा, आलोक कुमार, आकाश कुमार बिंद्रा, विशाल यादव, दीपक कन्नौजिया, साहिल कुमार पुष्कर, धनंजय कुमार इत्यादि सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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