विद्यालय बंदी के फैसले के विरोध में समाजवादी शिक्षक सभा ने सौंपा ज्ञापन ।
गाजीपुर । प्रदेश सरकार द्वारा 5000 से अधिक सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने अथवा अन्य विद्यालयों में विलय (मर्ज) करने के निर्णय के खिलाफ जिले में विरोध की आवाज़ तेज होती जा रही है। इसी क्रम में आज समाजवादी शिक्षक सभा, गाजीपुर की ओर से जिलाधिकारी गाजीपुर को एक ज्ञापन सौंपा गया। यह विरोध-प्रदर्शन समाजवादी शिक्षक सभा के ज़िलाध्यक्ष आदरणीय श्री कमलेश यादव 'भानू' जी के नेतृत्व में संपन्न हुआ। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय ग्रामीण, गरीब, वंचित और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के बच्चों के शिक्षा अधिकार पर सीधा प्रहार है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्यालय बंदी/मर्ज की योजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। शिक्षा के बजट में कटौती करने के बजाय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, बुनियादी संसाधनों की व्यवस्था और छात्रसंख्या बढ़ाने की योजना बनाई जाए।इस मौके पर समाजवादी शिक्षक सभा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह लगातार शिक्षा व्यवस्था को निजीकरण की ओर धकेल रही है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच कठिन हो रही है।
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा कि "शिक्षा ही सामाजिक बदलाव की कुंजी है। भाजपा सरकार की यह नीति सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 21A और शिक्षा के अधिकार को कमजोर करने वाली है। समाजवादी पार्टी इस जनविरोधी नीति का कड़ा विरोध करती है।"समाजवादी सरकारों ने सदैव शिक्षा, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को प्राथमिकता दी है।" इस प्रदर्शन और ज्ञापन कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता, विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारीगण, शिक्षक वर्ग एवं बड़ी संख्या में समर्पित कार्यकर्ता साथी शामिल रहे। कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी करते हुए जनता से इस फैसले के खिलाफ संगठित संघर्ष का आह्वान भी किया।
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